बोधगया बिहार के गया जिले में स्थित बुद्धिज़्म के लिए एक प्रमुख स्थल है। यहाँ पर सैलानी हर साल लाखों की तादाद में आते हैं। यहाँ पर बौद्ध धर्म पर आधारित कई मठ और बुध परिसर हैं। इसमें से सबसे महत्वपूर्ण है बोधगया का महाबोधि मंदिर परिसर (Mahabodhi Temple Complex) जिसका ऐतिहासिक महत्व है। इस लेख को पढ़ने के बाद आपको महाबोधि मदिर के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

महाबोधि मंदिर महत्वपूर्ण तथ्य
जगह का नाम | महाबोधि मंदिर बोधगया Mahabodhi Temple Bodhgaya |
पता | महाबोधि मंदिर परिसर, बोध गया, बिहार 824231 |
क्षेत्र | 4.8600 ha |
बनाया गया | सम्राट अशोक द्वारा |
कब बनवाया गया | पहला मंदिर तीसरी शताब्दी ई.पू में बनाया गया और वर्तमान मंदिर 5वीं से छठी शताब्दी के बीच बनाया गया। |
प्रवेश शुल्क | कोई शुल्क नहीं |
आगंतुकों के लिए सुविधाएँ | मोबाइल जमा काउंटर, जूता जमा काउंटर, पानी, वाशरूम, इनफार्मेशन डेस्क, पुरुष महिला अलग लाइन प्रवेश इत्यादि। |
पटना से दूरी | लगभग 128 Km सड़क मार्ग के जरिये |
गया से दूरी | लगभग 16 Km |
आधिकारिक वेबसाइट | bodhgayatemple.com |
महाबोधि मंदिर एक नज़र में | Mahabodhi Temple Overview
महाबोधि मंदिर बोधगया का मुख्य आकर्षण है। यहाँ पहला मंदिर तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था। वर्तमान का मंदिर 5वीं या 6वीं शताब्दी का है। यह मंदिर पूरी तरह से ईंट का बना है, जो गुप्त काल के अंत से आज की तारीख तक बोधगया में मौजूद है। महाबोधि का अर्थ होता है महान जागृति। यह भगवान बुद्ध के जीवन और विशेष रूप से ज्ञान प्राप्ति से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक है।
वर्तमान महाबोधि मंदिर परिसर में 50 मीटर ऊंचा भव्य मंदिर, वज्रासन, पवित्र बोधि वृक्ष और बुद्ध के ज्ञान के अन्य छह पवित्र स्थल शामिल हैं, जो कई प्राचीन मन्नत स्तूपों से घिरा हुआ है। यह मंदिर आंतरिक, मध्य और बाहरी गोलाकार सीमाओं द्वारा संरक्षित है। महाबोधि मंदिर परिसर को 2002 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट की उपाधि से नवाज़ा है। एक सातवाँ पवित्र स्थान, लोटस तालाब, इसके दक्षिण में स्थित है। मंदिर दो या तीन स्तरों वाले गोलाकार मार्ग से घिरा है और मुख्य द्वार आसपास की भूमि के स्तर से 5 मीटर नीचे की ओर है। मुख्य मंदिर की दीवार की औसत ऊंचाई 11 मीटर है और इसे भारतीय मंदिर वास्तुकला की क्लासिक शैली में बनाया गया है।
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एक द्वार एक छोटे से हॉल में खुलता है, जिसके आगे गर्भगृह है, जिसमें बैठे हुए बुद्ध की एक सोने की मूर्ति है, जो की तकरीबन 5 फीट की है। बुद्ध की मूर्ती को धरती को साक्षी मानकर उनके ज्ञान की पुष्टि करते हुए दर्शाया गया है।
मंदिर परिसर में बोधि वृक्ष भी स्थित है जिसके नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वहीँ थोड़ी दूर पर आपको मूचालिंडा तालाब (Lake Muchalinda) मिलेगा जहाँ पर एक सांप ने ध्यान में बैठे बुद्ध की रक्षा की थी।
महाबोधि मंदिर समय सारणी
महाबोधि मंदिर में जाने का समय नीचे दिए गए* समय सारिणी के हिसाब से आप तय कर सकते हैं।
05:00 A.M. | Opening of Mahabodhi Mahavihara (Main Shrine) |
05:30 A.M. to 06:00 A.M. | Sutta Chanting and Meditation |
10 A.M. | Offering of Kheer (Rice pudding cooked with rice, milk and sugar) |
06:00 P.M. to 06:30 P.M. | Sutta Chanting (Mahayana Tradition) |
06:30 P.M. to 07:00 P.M. | Sutta Chanting (Pali) |
09:00 P.M. | Closing of the Mahabodhi Mahavihara. |
Mahabodhi Temple Location
महाबोधि मंदिर बिहार के गया जिले में बोधगया शहर में स्थित है। यह बिहार की राजधानी पटना के हवाई अड्डा से लगभग 135 Km की दूरी पर है और गया हवाई अड्डे से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ ट्रेन से पहुँचने के लिए गया जंक्शन सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है जोकि मंदिर परिसर से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बिहार की राजधानी पटना के रेलवे स्टेशन से गया स्टेशन तक कई ट्रेनें रोज़ आती जाती हैं।
जानें ईको पार्क पटना के बारे में
महाबोधि मंदिर तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग से भी कई रास्ते जाते हैं। सड़क मार्ग में कई बसों का रोज़ मुख्य केंद्रों से जैसे की पटना, गया, नालंदा, राजगीर, वाराणसी इत्यादि से परिचालन होता है। कई आगंतुक सड़क मार्ग के ज़रिये अपनी गाड़ी या टैक्सी करके मंदिर देखने पहुँचते हैं। यह पटना से सड़क मार्ग के जरिये 128 Km की दूरी पर है , गया से 16 Km और वाराणसी से 258 Km की दूरी पर स्थित है।
महाबोधि मंदिर FAQ
महाबोधि मंदिर किस लिए प्रसिद्ध है?
बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर इसलिए प्रसिद्ध हैं क्यूंकि इसी जगह पर सिद्धार्थ अर्थात महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसका माहात्म्य पूरी दुनिया में है और इसकी वजह से दुनिभर से श्रद्धालु इस जगह को पूजने आते हैं।
What is the fees of Mahabodhi Temple?
There is no entry fee for visiting Mahabodhi Temple. There are dedicated counters outside the temple such as information desks, shoes counter and mobile counter. However, there are some rules and fee for carrying camera inside the premises of the temple that can be confirmed from the officials at that place.
Who built the Mahabodhi Temple at Bodh Gaya?
Ashoka the Great built the Mahabodhi Temple at Bodhgaya.
Mahabodhi Mandir Kahan Hai?
Mahabodhi mandir Bihar ke Gaya district me Bodhgaya shahar me sthit hai.