BPSC CCE or the Bihar Public Service Commission Combined Competitive Examination is the Bihar state exam for the recruitment of civil servants of the state. The Examination consists of several stages in which BPSC Mains examination is of utmost importance. In the Mains Examination candidates have to opt for one optional paper which is of qualifying nature. BPSC CCE offers around 34 optional subjects in which Hindi Language and Literature is one among them. In this post we have discussed BPSC Hindi Language and Literature Syllabus.
Hindi Language and Literature Optional Section-I
History of Hindi Language
(i) Grametical and Lexical features of Apabhransa, Avahatta and early Hindi.
(ii) Evolution of Avadhi and Braj Bhasa as literary Language during the Medieval period.
(iii) Evolution of Khari Boli-Hindi as literary Language during the 19th Century.
(iv) Standardçation of Hindi Language with Devanagri Script.
(v) Development of Hindi as Rashtra Bhasa during the Freedom Struggle.
(vi) Development of Hindi as official language of Indian Union Since Independence.
(vii) Major Dialects of Hindi and their inter-relationship.
(viii) Significant grammetical features of standard Hindi
History of Hindi Literature
(i) Chief characteristics of the major periods of Hindi Literature: vç., Adi Kal, Bhakti Kal, Riti Kal, Bhartendu Kal and Dwivedi Kal, etc.
(ii) Significant features of the main literary trends and tendencies in Modern Hindi: vç, Chhayavad Rahasyavad, Pragativad, Proyogvad, NayiKavita, Nayi Kahani, Akavita, etc.
(iii) Rise of Novel and Realism in Modern Hindi.
(iv) A brief history of theatre and drama in Hindi.
(v) Theories of literary criticism in Hindi and Major Hindi Literary critics.
(vi) Origin and development of literary genres in Hindi.
Hindi Language and Literature Optional Section-II
This paper will require first-hand reading of the text prescribed and will be designed to test the candidate’s critical ability.
KABIR- KABIR GRANTHAVALI by Shyam Sunder Das (700 Stanzas from the beginning).
SURDAS – BHRAMARA GEET SAAR 200 Stanzas from the beginning.
TULSIDAS – RAMCHARITMANAS (Ayodhyokand only): KAVITAVALI (Uttarakand only)
BHARATENDU HARISHCHANDRA – ANDHER NAGARI.
PREMCHAND – GODAN . MANSAROVAR (BHAG EK)
JAYASHANKAR “PRASAD”- CHANDRAGUPTA, KAMAYANI (Chinta, Shradha, Lajja, Ida only).
RAMA CHANDRA SHUKLA – CHINTAMANI (PAHILA BHAG) (10 Essay from the beginning).
SURYA KANT TRIPATHI NIRALA – ANAMIKAHAI (Saroj Smriti). (Ramki Shakti Pooja only).
S.H. VATSYAYAN– ACUEYA – SHEKHAR EK JEEVANI (TWO PARTS).
GAJANAN MADHAV MUKTIBODH – CHAND KA MUKHTEDHA HAI (Andhere mein only).
BPSC हिंदी भाषा और साहित्य वैकल्पिक Syllabus खंड 1
हिन्दी भाषा का इतिहास
(1) अपभ्रंश अवहट और प्रारंभिक हिन्दी की व्याकरणी और शाब्दिक विशेषताएँ ।
(2) मध्यकाल में अवधी और ब्रज भाषा का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास ।
(3) 19वीं शताब्दी में खड़ी बोली हिन्दी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास ।
(4) देवनागरी लिपि और हिन्दी भाषा का मानकीकरण।
(5) स्वाधीनता संघर्ष के समय हिन्दी का राष्ट्रभाषा के रूप में विकास।
(6) स्वतंत्रता के बाद भारत संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का विकास ।
(7) हिन्दी का प्रमुख्य उप- भाषाएँ और उनका पारस्परिक सम्बन्ध ।
(8) मानक हिन्दी के प्रमुख व्याकरणिक लक्षण।
हिन्दी साहित्य का इतिहास
(1) हिन्दी साहित्य का प्रमुख कालों; अर्थात् आदि काल, भक्ति काल, रीतिकाल, भारतेन्दु काल, द्विवेदी काल आदि की मुख्य प्रवृत्तियाँ
(2) आधुनिक हिन्दी की छायावाद, रहस्यवाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, नई कहानी, अकविता आदि मुख्य साहित्यिक गतिविधियाँ और प्रवृत्तियों की प्रमुख विशेषताएँ।
(3) आधुनिक हिन्दी के उपन्यास और यथार्थवाद का आविर्भाव ।
(4) हिन्दी में रंगशाला और नाटक का संक्षिप्त इतिहास ।
(5) हिन्दी में साहित्य समालोचना के सिद्धांत और हिन्दी के प्रमुख समालोचक।
(6) हिन्दी में साहित्यिक विधाओं का उद्भव और विकास।
BPSC हिंदी भाषा और साहित्य वैकल्पिक Syllabus खण्ड – II
इस प्रश्न पत्र में निर्धारित पाठ्य पुस्तकों का मुक्त रूप में अध्ययन अपेक्षित होगा और ऐसे प्रश्न पूछे जायेंगे, जिनसे उम्मीदवार की समीक्षा क्षमता की परीक्षा हो सके.
कबीर: कबीर ग्रंथावली ( प्रारम्भ के 200 पद, सं० श्याम सुंदर दास).
सूरदास: भ्रमरगीत सार (प्रारम्भ के केवल 200 पद).
तुलसीदास: रामचरितमानस (केवल अयोध्याकांड), कबितावली (केवल उत्तरकांड).
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र: अंधेर नगरी.
प्रेमचन्द: गोदान, मानसरोवर (भाग एक).
जयशंकर प्रसाद: चन्द्रगुप्त, कामायनी (केवल चिंता, श्रद्धा, लज्जा ओर इड़ा सर्ग)।
रामचन्द्र शुक्ल: चिन्तामणि (पहला भाग), ( प्रारम्भ के 10 निबन्ध).
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला: अनामिका ( केवल सरोज स्मृति और राम की शक्ति पूजा )।
एस०एच० वात्स्यायन अज्ञेय: शेखर एक जीवनी (दो भाग).
गजानन माधव मुक्तिबोध: चांद का मुह टेढ़ा है (केवल अंधेरे में ).
BPSC हिंदी भाषा और साहित्य वैकल्पिक विषय FAQ
BPSC में वैकल्पिक विषय कितने अंकों का होता है?
BPSC में वैकल्पिक विषय को अब सिर्फ क्वालीफाइंग कर दिया गया है। जिसका अर्थ है की अब अभ्यर्थियों को वैकल्पिक विषय में अपने श्रेणी के हिसाब से पास करना होगा जिसके लिए न्यूनतम अंक प्राप्त करने होंगे। सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
BPSC में वैकल्पिक विषय किस चरण में पूछा जाता है?
BPSC में वैकल्पिक विषय इसकी मुख्य परीक्षा में पूछा जाता है।